Monday 30 April 2012

Date of next increment in revised pay structure under rule 10


application date forNET is 2nd may+




List of fake universities by UGC



JBT TRS PERMOTED AS SS MASTER BY ORDER OF HIGH COURT

HIGH COURT ORDER IN JBT PERMOTION FOR PUNDRI BLOCK'S JBT TRS
 DIRECTOR'S ORDER 


kaithal and kurukshetra rpss meeting



NO EXEMPTION TO HANDICAPPED IN HTET

MAIN DEMANDS
1.जे.बी.टी. शिक्षक से प्राध्यापक के पद पर सी.एण्डवी. की तर्ज पर पदोन्नति कोटा देना।
2.जे.बी.टी. शिक्षक की विभागीय पदोन्नति जो हैडटीचर के रूप में होती है उसे बरकरार रखा जाये।
3.जे.बी.टी. शिक्षक को 16290 का ग्रेड पे देकर वेतनविसंगति दूर की जाये।
4. वर्ष 2000 में नियुक्त जे.बी.टी.शिक्षकों को सभीविभागीय लाभ दिये जायें तथा पदोन्नति की जाये।
5.वर्ष 2011 में नियुक्त शिक्षकों को भी तबादलापालिसी बना कर अन्रतरजिला स्थानांतरण किया जाये।
6.नई शिक्षक भर्ती में ठेकेदारी प्रथा को बंद कियाजाये।
7. LTC


गर्मी की छुट्टियों में लगेंगी विशेष कक्षाएं’
झज्जर, जागरण संवाद केंद्र : प्रदेश की शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री गीता भुक्कल ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान गणित व रसायन विज्ञान की विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी। रविवार को झज्जर स्थित अपने निवास पर लोगों की समस्याएं सुनने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने यह बात कही।
भुक्कल ने कहा कि इन कक्षाओं के आयोजन से विद्यार्थियों के बीच गणित व विज्ञान जैसे विषयों के प्रति रुचि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देश भर में साल 2012 को राष्ट्रीय गणित वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजम के जन्मदिवस 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा भी की है। हरियाणा में शिक्षकों की भर्ती में गर्भवती महिलाओं के संबंध में बनाए गए नियम के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि नए शिक्षक सेवा नियमों में सुधार होगा। गर्भवती महिलाओं को अनफिट करार देने वाले नियम को अतिशीघ्र हटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौजूदा शिक्षण सत्र के दौरान स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए जल्द ही झज्जर में इंजीनियरिंग कॉलेज आरंभ होगा।
उन्होंने बताया कि शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश में नेबरहुड स्कूलों की पहचान का कार्य जारी है। इन स्कूलों में शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिला पाने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च हरियाणा सरकार करेगी। इससे पहले शिक्षा मंत्री ने अपने निवास स्थान पर लोगों की समस्याएं भी सुनी और मौके पर मौजूद अधिकारियों को उनके समाधान के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष पंडित चिरंजी लाल शर्मा, सुभाष गुर्जर, नीटू सरपंच भदानी सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ता और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।



विकलांगों को छूट नहीं!
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़
हरियाणा सरकार विकलांगों को अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के लिए अंकों में कोई छूट नहीं देगी।
इस संबंध में प्रशासनिक तौर पर निर्णय लिया जा चुका है। राज्य के एडीशनल एडवोकेट जनरल के इस जवाब पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को लिखित में पक्ष रखने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। इस मामले में हाई कोर्ट में सिरसा के विकलांग संघ उमंग की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि 2008 व 2009 में परीक्षा पास करने के लिए विकलांगों को अंकों की छूट दी गई थी, लेकिन 2011 में छूट नहीं मिली।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 17 अप्रैल 2008 को एक अधिसूचना जारी कर राज्य में स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता परीक्षा को जरूरी किया था। याचिका में कहा गया है कि परीक्षा के लिए जारी विवरणिका में पास अंकों का जिक्र किया गया, लेकिन आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए छूट का जिक्र नहीं किया गया, जबकि 2009 में यह छूट दी गई थी।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत के बजाय 55 प्रतिशत अंक लेने पर पास कर दिया तो विकलांगों को भी यह छूट मिलनी चाहिए।

Saturday 28 April 2012

RPSS KA HOGA PARDARSHAN




Transfer list of jbt trs on 27 april + press note of meeting of rpss in vatika



ठेके पर अध्यापकों की भर्ती का होगा विरोध
कैथल, जागरण संवाद केंद्र : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिला कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार को जिला प्रधान रोशन लाल पंवार की अध्यक्षता में हनुमान वाटिका में संपन्न हुई। बैठक का उद्देश्य सरकार द्वारा अध्यापकों के सामने रखी गई चुनौतियां थी।
इनमें शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के बाद विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराना, अध्यापकों को ठेके पर भर्ती करना, पदोन्नति में पात्रता परीक्षा लागू करना, पदोन्नति के पदों को न भरना, कैथल में प्राथमिक शिक्षकों को कन्फर्म न करना, हिन्दी, संस्कृत व पंजाबी पदों पर पदोन्नति न देना, एलटीसी की राशि बजट आने के बाद भी उपलब्ध न करवाना, वर्ष 2000 हजार में नियुक्त अध्यापकों को पदोन्नति न देना, जिला परिषद् में लगे अध्यापकों का बकाया एरियर 31 मार्च की तय सीमा में न निकलवाना तथा कमरों के निर्माण कार्यो में एसएसए अधिकारियों द्वारा अध्यापकों को बार बार परेशान करना शामिल थे।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि कैथल व पूंडरी खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा न्यायालय के आदेश के बाद दिया जाने वाला एरियर समय रहते नहीं दिया गया, जिससे 31 मार्च को राशि लैप्स हो गई। इससे लगभग 150 अध्यापकों को लाखों रुपये की एरियर समय पर नहीं मिल सकी है। जिला सचिव राकेश रत्न ने कहा कि एसएसए कार्यालय के जेई तथा एसडीओ कमरों के निर्माण के लिए दूसरी किस्त जारी करते समय अध्यापकों को बार बार चक्कर लगवाए, जिससे अध्यापकों में गहरा रोष है। इस मामले में शीघ्र ही डीपीसी से मुलाकात की जाएगी।
पंवार ने कहा कि सभी खंडों में सरकार की नीतियों तथा कार्यालयों में अधूरे पड़े कामों को पूरा नहीं करने पर सभी खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर 10 मई तथा 22 मई को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।




Thursday 26 April 2012

TOP NEWS





Letters of CCL





No defination of economic backwards+477 principals bne+large scale pr clerks transfer+




आर्थिक पिछड़े की परिभाषा नहीं दे पाई सरकार
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : आíथक पिछड़े वर्ग की परिभाषा क्या है, प्रदेश सरकार को अभी तक इसे तय करने में नाकाम रही है। बुधवार को मामले की सुनवाई के कोर्ट के सवाल पर सरकार कोई जवाब नहीं दे पाई। जिस पर कोर्ट ने सरकार को इस बाबत राज्य के किसी भी विभाग या केंद्र सरकार द्वारा जारी परिभाषा के आधार पर आíथक पिछड़े वर्ग की परिभाषा तय करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
मामले में याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रदेश में आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 25 प्रतिशत बच्चों में केवल बीपीएल कार्ड होल्डर को ही निजी स्कूलों में दाखिला दिया जा रहा है जबकि बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर दोनों अलग-अलग श्रेणी है। कोर्ट ने जब इस विषय पर जब सरकार के वकील से स्पष्टीकरण मांगा था तो वो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जिस पर कोर्ट ने सरकार से आर्थिक रूप से कमजोर की पूरी परिभाषा तय करने को कहा है। सरकार ने कोर्ट में बताया कि शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हुए है कि अगर हरियाणा स्कूल एजुकेशन एक्ट के तहत प्रवेश देने में किसी स्कूल ने नियम को तोड़ा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने यह जानकारी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दी। याचिका में मान्यता प्राप्त स्कूलों में हरियाणा स्कूल एजुकेशन एक्ट के तहत आíथक पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए जो 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई उनके बारे में पूछा गया है।

स्कूलों को मिले 477 प्राचार्य
अंबाला, वरिष्ठ संवाददाता : खटाई में पड़ी दिख रही प्राचार्यो की नियुक्ति का रास्ता लगभग साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने मंगलवार देर रात 477 कर्मचारियों को पदोन्नति का तोहफा दे दिया। इनमें 265 लेक्चरर व 212 हेडमास्टर शामिल हैं।
विभाग ने मंगलवार देर रात लेक्चरर व हेडमास्टर की पदोन्नति लिस्ट इंटरनेट पर जारी करते हुए तमाम जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजी है। इसके अनुसार 94 लेक्चरर व 87 हेडमास्टर को स्वतंत्र रूप से प्राचार्य बनाया गया है। 171 लेक्चरर व 125 हेडमास्टर को तत्काल कार्यवाहक के रूप में प्राचार्य (सीडीसी) का पद सौंपा गया है। सीडीसी प्राचार्यो को स्वतंत्र भार मिलने तक लेक्चरर व मास्टर के ग्रेड पर ही काम करना होगा। सबसे ज्यादा हिसार के 18 लेक्चरर को तथा सबसे कम मेवात के लेक्चरर को प्रिंसिपल बनाया गया है।
हेडमास्टर से प्रिंसिपल सबसे ज्यादा भिवानी व सबसे कम मेवात में बनाए गए हैं। गौरतलब है कि 17 अप्रैल को पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडोटोरियम में प्राचार्यो के पदों के लिए काउंसिलिंग की गई थी। इसके लिए 615 लेक्चरार व हेडमास्टर को बुलाया गया था। कुछ शिक्षकों ने विभाग पर काउंसिलिंग के दौरान गड़बड़ी करने का भी आरोप लगाया था। इसके अलावा हाई कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है, जिस पर सुनवाई 26 अप्रैल को होनी है।

थोक भाव में तबादलों से क्लर्को में हड़कंप
अंबाला, वरिष्ठ संवाददाता : शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को थोक भाव में 488 क्लर्को के तबादले कर दिए। तबादले की सूची में शामिल क्लर्को को बृहस्पतिवार को रिलीव करने के आदेश दिए गए हैं। रिलीव में देरी करने पर जिले में पदस्थ अधिकारियों की जिम्मेवारी तय होगी।
शिक्षा निदेशालय ने तत्काल प्रभाव से प्रदेश भर के जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ क्लर्को के तबादले कर नए स्टेशन आवंटित कर दिए। अंबाला जिले में 26, भिवानी में 35, फरीदाबाद में 18, फतेहाबाद में 17, गुड़गांव में 21, हिसार में 35, झज्जर में 22, जींद में 26, कैथल में 24, करनाल में 27, कुरुक्षेत्र में 23, महेंद्रगढ़ में 26, मेवात में 21, पलवल में 16, पंचकूला में 12, पानीपत में 20, रेवाड़ी में 23, सिरसा में 26, सोनीपत में 29 व यमुनानगर में 19 क्लर्को के स्थानांतरण कर दिए गए। तबादले की सूची में शामिल क्लर्क जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पदस्थ हैं। डीईओ कार्यालय पानीपत में कार्यरत जगजीत को गोयलाखुर्द, ईश्वर सिंह को नांगलखेड़ी व दीपक कौशिक को कालखा राजकीय स्कूल में स्थानांतरित किया गया है। डीईईओ कार्यालय में पदस्थ संदीप को सीक, राजेश राठी को अहर, रामकरण को उग्राखेड़ी, दीपेंद्र मोर को गांजबड़, सुनील कुमार को सिवाह व प्रवीण कुमारी को वीवर्स कालोनी स्कूल में तबादला कर दिया गया। शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र में तबादले की सूची में शामिल 488 क्लर्को को तत्काल प्रभाव से नए स्टेशन ज्वाइन करने के आदेश जारी किए गए हैं।
सेवापंजिका में दर्ज होगा संशोधित वेतनमान
     नवीन कुमार, सिरसा
फरवरी से जून तक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ पाने वाले तमाम कर्मचारियों को दोहरा फायदा होने वाला है। प्रदेश सरकार ने दोबारा सेवा पंजीका में संशोधन करने का निर्णय लिया है। इससे 2006 से पूर्व नियुक्त हुए हजारों कर्मचारियों को एक मुश्त साढ़े छह साल का एरियर दिया जाएगा।
छठे वेतन आयोग की सिफारिश के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में 1.86 गुणा की बढ़ोतरी की गई थी। इसके साथ ही कर्मचारियों को हर साल लगने वाली वार्षिक इंक्रीमेंट की तिथि में भी फेरबदल किया गया था। 2006 से पूर्व सभी सरकारी कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि नियुक्ति तिथि के आधार पर दी जाती थी। नए संशोधित वेतनमान लागू होने के बाद कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि जुलाई में कर दी गई थी, जिससें एक तरफ जुलाई से जनवरी के बीच नियुक्त हुए कर्मचारियों को छह माह का लाभ हो रहा था, जबकि दूसरी तरफ फरवरी से जून के बीच नियुक्त हुए हजारों कर्मचारियों को छह माह का नुकसान हो रहा था। अब नए संशोधित वेतनमान के अनुसार जिन कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि फरवरी से जून के बीच लगती थी उन सभी कर्मचारियों को एक और इंक्रीमेंट का दिया जाएगा। यह इंक्रीमेंट पुराने बेसिक पे के आधार पर दी जाएगी। इससे कर्मचारियों को हर माह औसतन साढ़े तीन सौ रुपये का लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि सरकार हर साल कर्मचारियों की बेसिक पे स्केल में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी करती है। छठे वेतन आयोग लागू होने के पूर्व इन कर्मचारियों का मात्र एक इंक्रीमेंट ही पुराने पे स्केल पर लगेगी। इससे जुलाई के अतिरिक्त जनवरी माह में भी एक इंक्रीमेंट दी जाएगी।
विभाग फिर कठघरे में
हरियाणा का शिक्षा विभाग अपनी प्रभावहीन कार्यशैली, दायित्व निर्वाह की कमजोरी और सुस्ती के लिए एक बार फिर कठघरे में आ गया है। उच्च न्यायालय ने कई कारणों से उसे फटकार लगाई है जिससे लगता है कि यदि सुधार न किया गया तो शिक्षा क्षेत्र में अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है। विभाग की लापरवाही के कारण पिछले वर्ष भर्ती हुए नौ हजार जेबीटी अध्यापकों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। इनके अध्यापक पात्रता परीक्षा यानी एचटेट प्रमाणपत्र की जांच का हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष आदेश दिया था लेकिन कथित सक्रियता, कार्य निष्पादन की तत्परता का आलम देखिये कि आठ माह के दौरान केवल 48 अध्यापकों के प्रमाणपत्र ही जांचे जा सके। इसका अर्थ यह हुआ कि यदि यही गति रही तो पूरे प्रमाणपत्रों की जांच में तो दशकों लग जाएंगे या ऐसा भी हो सकता है कि जेबीटी अध्यापकों की रिटायरमेंट के बाद ही जांच रिपोर्ट आए। सरकार को स्वयं समझना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है कि बार-बार शिक्षा विभाग मजाक का पात्र बन रहा है। सरकार स्वत: संज्ञान लेकर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? कोर्ट के आदेशानुसार सभी नौ हजार जेबीटी अध्यापकों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी और कमी पाए जाने पर नियुक्ति रद्द भी की जा सकती है। ऐसा संभवत: पहली बार होगा कि सभी नियुक्त अध्यापकों को प्रतिवादी बनाया जाएगा। लग तो यही रहा है कि समन्वय के स्तर पर शिक्षा विभाग में भारी विसंगति एवं विरोधाभास है।
योजनाएं जब एक-दूसरी की उपयोगिता की प्रासंगिकता पर प्रश्न उठाने लगें तो माना जाना चाहिए कि कहीं न कहीं गंभीर चिंतन-मनन या पुन: समीक्षा की आवश्यकता है। यहां तो योजनाओं के साथ तत्परता का मामला भी जुड़ा है। नियुक्ति प्रक्रिया की तमाम वैधानिक औपचारिकताएं आखिर क्यों पूरी नहीं की गईं? यदि एक भी एचटेट प्रमाणपत्र में धांधली या अनियमितता पाई गई तो समूची प्रक्रिया और सरकार की साख घेरे में आ जाएगी। गेस्ट टीचरों पर पहले से ही सवाल उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार 25 हजार और अध्यापकों की नियुक्ति करने जा रही है। यदि खामियों,अपरिपक्वता, दिशाहीनता का सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो कई ऐसे चक्रव्यूह खड़े हो जाएंगे जिनसे बाहर निकलने का कोई रास्ता सरकार को नजर नहीं आएगा।
पदोन्नति के लिए पात्रता परीक्षा बनेगी रोड़ा
नरेश पंवार, कैथल
शिक्षा विभाग में कार्यरत करीब 80 हजार जेबीटी, सीएंडवी और अध्यापकों के उच्च पदों पर पदोन्नति या नियमित भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा की योग्यता ने ग्रहण लगा दिया है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट है कि पदोन्नति प्राप्त करने के लिए इन अध्यापकों को पात्रता परीक्षा पास करनी पड़ेगी। इस परीक्षा को पास नहीं करने की सूरत में अध्यापकों को पदोन्नति से वंचित रहना पड़ेगा। एसएस मास्टर के पदों में जेबीटी तथा सीएंडवी अध्यापकों की पदोन्नति का कोटा 50 प्रतिशत है तो गणित व विज्ञान पदों पर 20 प्रतिशत कोटा दिया जाता है। एसएस का कोटा घटा कर 33 प्रतिशत वहीं, विज्ञान व गणित पदों के लिए कोटा बढ़ाकर 33 प्रतिशत किया गया है।
अध्यापक नहीं करेंगे आवेदन : शिक्षा विभाग में ठेके पर भर्ती करने के आदेशों के कारण विभाग में कार्यरत नियमित अध्यापक नई भर्ती में आवेदन के इच्छुक नहीं रहेंगे क्योंकि नई भर्ती सरकार द्वारा ठेके पर की जाएगी। इसलिए कोई अध्यापक आधे वेतन व ठेके पर काम क्यों करेगा।
इसके पूर्व नियमित भर्ती के समय भारी संख्या में कार्यरत अध्यापक भी उच्च पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग के माध्यम से आवेदन करते थे, लेकिन इस बार उन अध्यापकों के सपनों पर सरकार पानी फेरने की तैयारी कर रही है।


Wednesday 25 April 2012

Permotion list of 10 jbt trs from Pundri block as a ss master

Permotion list as ss master of pundri block


9000 trs k thumb impression ki hogi jaanch+ rpss krega sangarsh+ theke pr bharti ka krenge virodh+ permotion k liye b HTET+


अध्यापकों के प्रमाण पत्रों की होगी जांच
दयानंद शर्मा, चंडीगढ़
मुन्नाभाई स्टाइल से हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) पास करके टीचर का पद पाने वाले गुरुजन के लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि पिछले साल नियुक्त सभी 9,000 जेबीटी के एचटेट प्रमाणपत्र की जांच होगी। जैसा कि हाई कोर्ट प्रवीण कुमारी के केस में निर्देश दे चुका है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह नियुक्ति पाए सभी 9,000 जेबीटी को चार सप्ताह के भीतर प्रतिवादी बनाने के लिए समाचारपत्र के माध्यम से नोटिस दे। सुनवाई के दौरान इस मामले में चल रही जांच पर कोर्ट ने असंतोष जताया।
याचिकाकर्ता के वकील जसबीर मोर ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने पिछले साल इन सभी चयनित टीचर के प्रमाणपत्र की जांच करने के शिक्षा विभाग को निर्देश दिए थे। इस बाबत शिक्षा विभाग के निदेशक ने उनको यह सूचित भी किया कि शिक्षा विभाग ने सभी चयनित टीचर के स्टेट फार्म से हस्ताक्षर व फोटो एकत्र कर लिए हैं और उनका मिलान भिवानी के पंचायत भवन में उनकी ओएमआर सीट से किया जाएगा लेकिन आठ महीने के बाद आज तक केवल 48 टीचर के प्रमाणपत्र की जांच की गई है। कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कोर्ट रूम में मौजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी को फटकार लगाई। जिस पर सरकार ने कोर्ट से मामले की जांच के लिए दो महीने का समय देने की मांग की।
कोर्ट ने सरकार को तीन महीने का समय देते हुए 30 जुलाई तक पूरी जांच कर कोर्ट में रिपोर्ट देने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अगर यह जांच पूरी नहीं हुई तो जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोर्ट अवमानना के तहत कार्रवाई होगी।


प्राथमिक शिक्षक संघ ने फूंका संघर्ष का बिगुल
कैथल, जागरण संवाद केंद्र : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित शिक्षक की भर्ती को ठेके पर करने के विरोध में तथा अन्य लम्बित मांगों को पूरा कराने के लिए राज्य स्तरीय संघर्ष करेगा। इसका फैसला संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। इसके विरोध में 10 मई को प्रदेश के सभी खंड कार्यालयों, 22 मई को जिला स्तरीय प्रदर्शन, 10 जुलाई को पंचकूला में प्रदर्शन तथा क्रमिक अनशन शुरू होगा।
बैठक में भाग लेकर कैथल लौटे जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि प्राथमिक शिक्षकों की लम्बित मांगों को पूरा करने के लिए संघ ने कई बार सरकार तथा विभागीय अधिकारियों के आश्वासन के बाद अपना संघर्ष स्थगित किया। लेकिन, सरकार बार बार प्राथमिक शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। उनकी मांगों को पूरा करने के बजाय हर दिन प्राथमिक शिक्षकों के लिए नई समस्या खड़ी कर रही है। सरकार द्वारा नई प्रस्तावित नीति के तहत शिक्षक भर्ती को ठेके पर करने की शिक्षक संघ कार्यकारिणी ने कड़ी निन्दा की तथा शिक्षकों के शोषण की नई नीति का विरोध करने का निर्णय लिया गया। प्राथमिक शिक्षकों की मांगों जैसे प्रवक्ता पद पर सीधे पदोन्नति देना,अंतर जिला तबादले करना, दो हजार में लगे अध्यापकों को सभी लाभ प्रदान करना, सभी स्कूलों में मुख्यशिक्षक का पद कायम रखना, शिक्षा का अधिकार के तहत छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 लागू करना आदि शामिल हैं।जिला सचिव राकेश रत्न ने बताया कि यदि सरकार ने जल्दी ही प्राथमिक शिक्षकों की सभी मांगें पूरी नही की तो पूरे प्रदेश में 10 मई को सभी खंडों में खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा तथा मुख्यमंत्री के नाम संघ द्वारा ज्ञापन भेजा जाएगा। यदि सरकार फिर भी नही चेती तो 22 मई को सभी जिलों में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर जिला स्तरीय प्रदर्शन किए जाएंगे। जिला प्रधान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार प्राथमिक शिक्षकों के धैर्य की परीक्षा न ले क्योंकि प्राथमिक शिक्षकों से लड़ाई करके किसी सरकार ने कभी अपना कार्यकाल पूरा नही किया।



ठेके पर शिक्षकों की भर्ती का करेंगे विरोध

ठेके पर शिक्षकों की भर्ती का करेंगे विरोध 
कैथलत्नराजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा 949 हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तावित शिक्षक भर्ती को ठेके पर करने के विरोध में व लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए राज्य स्तरीय संघर्ष करेगा जिसका फैसला संघ की राज्य कार्यकारिणी की जींद बैठक में लिया गया। बैठक में भाग लेकर कैथल लौटे जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने बताया कि प्राथमिक शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के लिए संघ ने कई बार सरकार तथा विभागीय अधिकारियों के आश्वासन के बाद अपना संघर्ष स्थगित किया लेकिन सरकार बार बार प्राथमिक शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात कर रही है। नई प्रस्तावित शिक्षक भर्ती को ठेके पर करने की संघ कार्यकारिणी ने कड़ी निंदा की है।

जिला सचिव राकेश रत्न ने बताया कि यदि सरकार ने जल्दी ही प्राथमिक शिक्षकों की सभी मांगें पूरी नहींं की तो पूरे प्रदेश में 10 मई को सभी खंडों में शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा तथा मुख्यमंत्री के नाम संघ द्वारा ज्ञापन भेजा जाएगा। यदि सरकार फिर भी नही चेती तो 22 मई को सभी जिलों में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे तथा सरकार को ज्ञापन प्रेषित किए जाएंगे। जिला प्रधान ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं की तो संघ 10 जुलाई को पंचकूला में शिक्षा सदन पर एक विशाल प्रदर्शन करेगा तथा उसी दिन से शिक्षा सदन पर क्रमिक अनशन की शुरूआत करेगा जो मांगें पूरा होने तक चलेगा।




परीक्षा के बाद मिलेगी पदोन्नति
रवि हसिजा, जींद
प्रदेश में जहां शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए पहले पात्रता परीक्षा पास करनी होती है, वहीं अब जेबीटी को टीजीटी पदों पर पदोन्नति पाने के लिए भी पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इस बदलाव को लागू करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी है।
अब टीजीटी (एसएस) पदों पर पदोन्नति का कोटा घटा दिया गया है जबकि टीजीटी (विज्ञान व गणित) में पदोन्नति कोटा बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा अधिसूचना में प्राइमरी हेड टीचर का कहीं उल्लेख न होने से स्पष्ट हो गया है कि ये पद समाप्त हो गए हैं। हरियाणा सरकार के गजट (एक्स्ट्रा) अप्रैल 11, 2012 (सीएचटीआर, 22, 1934 एकेए) के तहत अधिसूचना जारी की है। यह पात्रता परीक्षा किस प्रकार की ली जाएगी, इसका उल्लेख अधिसूचना में नहीं किया गया है। इसी प्रकार से नई अधिसूचना में सीएंडवी कैडर का भी कहीं उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि यह कैडर भी घटता हुआ कैडर बना दिया गया है। भविष्य में टीजीटी कैडर में ही भर्ती की जाएगी। अब टीजीटी (एसएस) पदों पर पदोन्नति का कोटा 50 से घटाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि टीजीटी (विज्ञान व गणित) विषय में पदोन्नति कोटा 20 से बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि पदोन्नति में पात्रता लागू करना दुर्भाग्यपूर्ण है, वहीं पर पदोन्नति कोटे में कटौती शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात है। इस मामले को प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ मिलकर प्रभावी ढंग से उठाया जाएगा। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने पदोन्नति की नई सेवा शर्तो पर रोष जताते हुए इसका कड़ा विरोध करने का फैसला लिया है। पात्रता परीक्षा से लगभग 80 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे। निदेशालय के इन फरमानों के खिलाफ 26 अप्रैल को चंडीगढ़ में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल तथा निदेशक डॉ. अभय सिंह यादव से मुलाकात की जाएगी।






Tuesday 24 April 2012

25 new trs honge bharti+high court ne private school ki yachika kharij ki+ssa ka paisa nhi ho paya kharch+schools me construction work kisi or agency se karwaya jaye+ rte laagu krwane k liye deptt ne kamar kasi + new service rules 2010

25 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा 25 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रारूप तैयार कर शिक्षक भर्ती बोर्ड को भेज दिया गया है। बोर्ड जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा।
शिक्षा विभाग में 15 हजार अध्यापकों की भर्ती स्कूल शिक्षा के लिए और दस हजार अध्यापकों की भर्ती मौलिक शिक्षा के लिए नियमित आधार पर की जाएगी। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से योजनागत और गैर योजनागत मद के तहत चालू वित्त वर्ष में 8245.58 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जो वर्ष 2011-12 से 1369.59 करोड़ अधिक है। स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हरियाणा राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी रूल्स 2011 की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
प्रदेश में राइट टू एजूकेशन के सभी पहलुओं को केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लागू किया जाएगा। सरों ने बताया कि प्रदेश में गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों को बेहतर दर्जे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। झज्जर जिले के सिलानी केसो गांव में राष्ट्रीय स्तर का टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोला जाएगा। विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू भी कर दिया गया है। स्कूलों के प्राचार्यो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा शैक्षणिक रूप से पिछड़े 36 खंडों में आरोही स्कूल खोले गए हैं। इसके साथ-साथ प्रदेश के प्रत्येक शैक्षणिक खंड में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी स्थापित हो चुके हैं। 9 खंडों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शुरू हो चुके हैं और 27 खंडों में चालू वित्तवर्ष के दौरान शुरू हो जाएंगे। चालू वित्तवर्ष के दौरान प्रथम चरण में यमुनानगर, करनाल, जींद, झज्जर और रोहतक में 15 आदर्श विद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव है।
हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों की याचिका खारिज की
आर्थिक पिछड़े वर्ग के बच्चों को स्कूलों में प्रवेश का मामला
कोर्ट ने सरकार को बुधवार तक का दिया समय
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित किए जाने के मामले में सोमवार को हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सभी स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश अनुसार व हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को दाखिला देना होगा।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सतबीर सिंह हुड्डा ने कोर्ट को बताया कि हरियाणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में केवल बीपीएल कार्ड होल्डर को ही दाखिला दिया जा रहा है जबकि बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर दोनों अलग-अलग श्रेणी है।
कोर्ट ने जब इस संबंध में राज्य सरकार के वकील से स्पष्टीकरण मांगा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर की परिभाषा बुधवार को कोर्ट में बताने का आदेश दिया।
बहस के दौरान कुछ निजी स्कूलों ने कोर्ट से मांग की कि वह सरकार को निर्देश दे कि सरकार उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का दाखिले करने पर उनकी फीस का भुगतान करे। कोर्ट ने उनका पक्ष सुनने के बाद कहा कि यह मामला सरकार व स्कूल का है। ऐसे मामले में स्कूल सरकार के पास जाकर ज्ञापन देकर मांग करें।
इस मामले में सरकार ने कोर्ट में बताया कि शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया हुआ है कि हरियाणा स्कूल एजूकेशन एक्ट के तहत प्रवेश देने में किसी स्कूल ने नियम को तोड़ा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सर्वशिक्षा अभियान के लिए आया धन नहीं हो पाया खर्च
चंडीगढ़, जाब्यू : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सर्वशिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का पूरा रुपया खर्च नहीं हो पाया है। सिविल वर्क्‍स के निर्माण कार्य में देरी को इसकी वजह बताया जा रहा है। धन का पूरा इस्तेमाल नहीं होने के कारण स्कूलों में बच्चों को इसका लाभ नहीं मिला है।
प्रदेश में वर्ष 2011-12 के लिए सर्वशिक्षा अभियान के तहत 1197.67 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 251.80 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। केंद्र व राज्य के हिस्से के रूप में 534.61 करोड़ रुपये सर्वशिक्षा अभियान के तहत तथा 222.58 करोड़ रुपये राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्वीकृत बजट के विपरीत हासिल हुए हैं, जिसमें से 30 प्रतिशत धनराशि का इस्तेमाल नहीं हो पाया है। वर्ष 2010-11 में भी सरकारी स्कूलों में इस धनराशि को खर्च नहीं किया जा सका है। सर्वशिक्षा अभियान के तहत 839.79 करोड़ रुपये के विपरीत राज्य सरकार को 783.85 करोड़ रुपये का फंड स्वीकृत हुआ है, जिसमें से मात्र 624.54 करोड़ रुपये खर्च हो पाए हैं। यानी 159.41 करोड़ रुपये बिना उपयोग किए शेष रह गए हैं।
स्कूल में निर्माण कार्य दूसरी एजेंसी से करवाया जाए’
कैथल, जागरण संवाद केंद्र : हरियाणा स्कूल एजुकेशन आफिसर्स एसोसिएशन की राज्य स्तरीय बैठक सोमवार को प्रांतीय प्रधान महेंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में अग्रसेन धर्मशाला हुई। बैठक में राज्य में स्कूल प्रधानाचार्य के समक्ष आ रही समस्याओं व उनकी मांगों पर विस्तृत चर्चा की गई।
चर्चा के दौरान सभी ने एक मत से प्रधानाचायरे की लम्बित ग्रेड पे की मांग को उठाया। स्कूल प्रधानाचार्य लम्बे समय से केन्द्र के समान 7600 ग्रेड पे की मांग को लेकर संघर्षरत हैं और अनेक स्तरों पर अपनी मांग को जायज भी ठहरा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों को वर्ष 2006 से केन्द्र के समान वेतनमान दिए हैं, लेकिन प्रधानाचार्य ही एकमात्र ऐसी श्रेणी है, जो अभी तक इस लाभ से वंचित है। बैठक में प्रधाचानायरे व अध्यापकों के सामने स्कूली निर्माण कार्य को लेकर आ रही दिक्कतें भी चर्चा का एक विशेष मुद्दा रहा। सभी ने निर्माण कार्य अध्यापकों से करवाए जाने का विरोध किया और विभाग से मांग की कि अन्य विभागों की तरह यह कार्य किसी दूसरी एजंेसी या विभाग से करवाया जाए ताकि अध्यापक अपना समय शैक्षणिक कार्यो में लगा सके जो उनका मुख्य कार्य हैं। अध्यापकों को स्कूल भवन निर्माण कार्य का कोई विशेष प्रशिक्षण प्राप्त नहीं होता है। साथ ही अध्यापकों से मिड-डे-मील का कार्य भी किसी अन्य एजेंसी को दे दिया जाये।
बैठक में सभी ने इस बात पर एतराज प्रकट किया कि मार्च 2012 में स्कूल पुस्तकालयों के लिए पुस्तकें खरीदते समय अध्यापकों व स्कूल मुखियों पर अविश्वास व्यक्त किया गया। बैठक में निर्णयों पर आगामी कार्रवाई के लिए 6 मई 2012 को भिवानी में सभी जिलाध्यक्षों व राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक का आयोजन जिला कैथल की कार्यकारिणी के द्वारा किया गया।
आरटीई लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने कसी कमर
नरेश पंवार, कैथल
गरीब बच्चों को शिक्षा का अधिकार (आरटीई) दिलाने व निजी स्कूल संचालकों की दुकानदारी को बंद करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अब अपने कमर कस लिए हैं। शिक्षा विभाग ने गोपनीय ढंग से निजी स्कूल संचालकों की रिपोर्ट लेनी शुरू कर दी है। इस अभियान से स्कूल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
शिक्षा के अधिकार नियम को लागू करवाने के लिए निदेशालय स्तर से सख्ती बरती जा रही है। अब इसका असर जिला व खंड स्तर पर भी देखने को मिल रहा है। उच्चाधिकारियों के सख्त रवैये को देखते हुए अब जिला स्तर के अधिकारी भी अपने रवैये को बदलने लगे हैं।
केवल 14 प्रतिशत ही मिले सही : पिछले वर्षो की तर्ज पर इस शैक्षणिक सत्र में मान्यता के लिए जिले से 181 स्कूल संचालकों ने आवेदन किया था। इसमें से निदेशालय ने 134 स्कूलों को पात्रता के लिए अयोग्य करार दिया है। ऐसे में अब इन स्कूलों की नैया मंझधार में गोते खाती दिखाई दे रही है। आंकड़े से स्पष्ट है कि केवल 14 प्रतिशत स्कूल ही ऐसे हैं जो कि मान्यता के पैमाने पर सही मायने में खरे उतरते हैं। हालांकि कुछ स्कूल संचालकों ने जुगाड़ के सहारे भी नैया पार लगाने की सोची थी, लेकिन अधिकारियो के सख्त रवैये के सामने उनकी दाल नहीं गल सकी।
गरीबों को दिलवाएंगे हक : जिला शिक्षा अधिकारी साधु राम बेरवाल ने बताया कि आरटीई को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसके तहत विभाग ने निदेशालय व जिला स्तर पर भी जांच अभियान चलाया है।
जांच के दौरान जिस स्कूल में जो भी कमी पाई जा रही हैं, उन्हें नोटिस दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निजी स्कूल के नाम पर किसी की दुकानदारी नहीं चलने दी जाएगी। बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवानी होंगी।
मान्यता से क्या लेगा, दाखिले कर देंगे : यदि प्राइवेट स्कूलों में आप बच्चे दाखिल करवाने जाते हंै तो चाहे मान्यता पांचवीं तक हो, लेकिन दाखिला 12वीं कक्षा में भी मिल जाता है। स्कूल संचालक का टका सा जवाब होता है कि मान्यता से क्या होगा, दाखिला कर देंगे। ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ इस बार शिक्षा विभाग सख्ती से पेश आ रहा है।


New service rules-2012 -Dalip bishnoi
TGT Hindi Qualification as per "Haryana School Education (Group C) State Cadre Service Rules-2012":

(1) BA with at least 50% Marks in Hindi as an Elective Subject and 2 year Diploma in Elementary Education
OR
BA with at least 50% Marks as well as in Hindi as an elective subject and 1 year Bechelor in Education (B.Ed)
OR
BA with at least 45% Marks as well as 50% Marks in Hindi as an elective subject and 1 year Bechelor in Education (B.Ed) in accordance with the NCTE (recognition Norms and Procedure) Regulation issued from time to time in this regard
OR
Senior Secondary (or Its equivalent) with at least 50% Marks and 4 year Bechelor in Elementary Education(B.El. Edu.)
OR
Senior Secondary (or Its equivalent) with at least 50% Marks and 4 year BA Ed.
OR
BA with at least 50% Marks as well as in Hindi as an elective subject and 1 year Bechelor in Education (B.Ed) in Special Education
OR
(2) In case of B.Ed., Hindi as a teaching Subject from a recognized University.
(3) Certificate of having qualified HTET/STET
(4)Matric with Hindi/Sanskrit or 10+2/BA/MA with Hindi as one of Subject.

NOTE:
That in case of direct recruitment the teachers working in Privately Managed Govt. Aided ,Recognized and Govt. schools, are exempted to acquire qualification of passing HTET as described in column 3 if they have worked as a teacher for minimum period of 4 year on the date of enforcement of these rules.However, the exemption is a onetime measure and the said category of teachers on their appointment shall have to qualify HTET by not later than 1st April 2015, otherwise their appointment shall stand terminated automatically without giving any further notice.
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C & V cadre now merged in to TGT cadre as per New Service Rules-2012
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TGT Social Studies Qualification as per "Haryana School Education (Group C) State Cadre Service Rules-2012":

(1) BA/B.Com and 2 year Diploma in Elementary Education
OR
BA/B.Com with at least 50% Marks and 1 year Bechelor in Education (B.Ed)
OR
BA/B.Com with at least 45% Marks and 1 year Bechelor in Education (B.Ed) in accordance with the NCTE (recognition Norms and Procedure) Regulation issued from time to time in this regard
OR
Senior Secondary (or Its equivalent) with at least 50% Marks and 4 year Bechelor in Elementary Education(B.El. Edu.)
OR
Senior Secondary (or Its equivalent) with at least 50% Marks and 4 year BA Ed.
OR
BA/B.Com and 1 year Bechelor in Education (B.Ed) in Special Education
OR

(2) In case of BA/B.Com,in addition to English,a combination of at least two subjects with at least 50% Marks in aggregate individually in the subjects during all the years of study out of following:
(A) History
(B) Pol. Science
(C) Economics
(D) Geography
(E) Sociology
(F) Psychology
Note: At least History or Geography should have been for all three years of Graduation.

(3) In case of B.Ed, Social Studies as a teaching subject from a recognized University.

(4) Certificate of having qualified HTET/STET

(5)Matric with Hindi/Sanskrit or 10+2/BA/MA with Hindi as one of Subject.

NOTE:
That in case of direct recruitment the teachers working in Privately Managed Govt. Aided ,Recognized and Govt. schools, are exempted to acquire qualification of passing HTET as described in column 3 if they have worked as a teacher for minimum period of 4 year on the date of enforcement of these rules.However, the exemption is a onetime measure and the said category of teachers on their appointment shall have to qualify HTET by not later than 1st April 2015, otherwise their appointment shall stand terminated automatically without giving any further notice.
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Gyani/OT wala TGT Punjabi k liye apply nahi kr payega.
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Ab TGT English ki Post k liye vo hi apply kr skega jiske pas BA me English as a Elective subject raha ho,
TGT Hindi ki Post k liye vo hi apply kr skega jiske pas BA me Hindi as a Elective subject raha ho.
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Mewat Distt. School Education (Group C) Service Rules-2012"
(2)Members of the existing State Cadre under the Haryana State Education School Cadre (Group C) Service Rules,1998 and Haryana Primary Education (Group C) Distt. Cadre Service Rules,1994 would Automatically become members of this Distt. Cadre Service after the notification of these Rules:
Provided that the existing member of Haryana State Education School Cadre (Group C) Service who are members of the State service shall have the right to exercise the option of Distt. within Three Months from the notification of these rules for joining the Mewat Distt. School Education (Group C) Service.
Provided further that while exercising option,principle of seniority will be deciding factor keeping in view the number of Posts in the Distt. in the relevant Cadre.
Provide further that the option once exercised shall be Final.



Monday 23 April 2012

EDUCATION ALLOWANCE ALL IN ONE



Jind meeting RPSS+


जारी रहेगा संघ का संघर्ष’
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जींद, जागरण संवाद केंद्र : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने कहा कि जिन मांगों पर सरकार के स्तर पर सहमति बनी, उनको लागू कराने के लिए संघर्ष जारी रखा जाएगा और 10 मई को खंड स्तर और 22 मई को जिला स्तर पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
यदि इसके बाद भी बात नहीं मानी तो 10 जुलाई को राज्य व्यापारी प्रदर्शन शिक्षा सदन पंचकूला पर किया जाएगा। यदि सरकार फिर भी नहीं चेती तो 10 जुलाई से अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया जाएगा। संघ इसके बाद आमरण अनशन भी करेगा। वह रविवार को जाट धर्मशाला में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
बैठक में प्रमुखता से मुख्य शिक्षक का पद समाप्त करने का विरोध, 16290 बेसिक पे, अंतर जिला स्थानांतरण, 2000 में लगे शिक्षकों के प्रमोशन व अन्य लाभ प्रदान कराने, लेक्चरार व मिडिल हैड पर प्रमोशन इत्यादि मांगों पर चर्चा हुई और ठेके पर नई भर्ती के निर्णय की निंदा की गई। संघ के महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि सरकार संघ की मांगों पर ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है। शिक्षा मंत्री व उच्चाधिकारियों के साथ जिन मांगों पर सहमति हो गई थी, उन पर भी अब तक सरकार ने कोई निर्देश जारी नहीं किया है। सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के प्रमोशन क सभी विकल्प बंद कर दिए हैं। पंजाब व चंडीगढ़ की तर्ज पर 16290 रुपये बेसिक पे की मांग भी लंबित है।
संघ ने इस मामले में केट में भी वाद दायर किया है। संघ शिक्षकों की मांगों व समस्याओं को हल कराने के लिए निरंतर संघर्षरत रहा है। संघ द्वारा ही संघर्ष कर जिला परिषद के तहत लगे शिक्षकों को सभी लाभ नियुक्ति के दिन से दिलाया। संरक्षक हरिओम राठी व सुरेश लितानी ने संबोधित करते हुए मांगों के लिए निर्णायक संघर्ष का आान किया और प्राथमिक शिक्षकों के लिए शिक्षक भवन बनाने के संबंध में स्थान का चयन करने की कवायद तेज करने की मांग की। जिलाध्यक्ष राजेश सिंगरोहा ने कहा कि सभी साथी संघ को खंड स्तर पर मजबूत बनाए तथा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन ज्यादा से ज्यादा कराने के लिए व्यक्तिगत प्रयास करें।


New trs policy ka virodh kreaga rpss+ mewat distt. ka alag cadre

नई भर्ती नीति का विरोध करेगा प्राथमिक शिक्षक संघ
कैथल, जागरण संवाद केंद्र : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा ने सरकार द्वारा शिक्षकों की नई भर्ती में शिक्षकों को अनुबंध पर रखने और 5 साल बाद एक वर्ष के प्रोबेशन पर रखने के निर्णय का कड़ा विरोध किया।
संघ के जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए नियमित भर्ती के स्थान पर इस भर्ती नीति की आलोचना करते हुए सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने की चेतावनी दी और कहा कि इस गम्भीर विषय पर आन्दोलन की रूपरेखा तय करने के लिए संघ की 22 अप्रैल को राज्यस्तरीय बैठक जीन्द में होगी। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने नियमित भर्ती का समर्थन किया है और सरकार के इस आदेश को नादिरशाही फरमान की संज्ञा दी है यदि वापस नहीं लिया गया तो पूरे प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक सरकार का हर मोर्चे पर पूरा विरोध करेंगे। सरकार द्वारा नई भर्ती में अध्यापकों पद ठेके पर भरे जाने तथा पूरा वेतन न देकर केवल बेसिक पे तथा ग्रेड पे देने का प्रावधान है जिसमें अध्यापकों को अन्य सभी लाभों से वंचित किया जाएगा।
प्रदेश के इतिहास में यह इस प्रकार की पहली भर्ती होगी जिसमें अध्यापकों को ठेके पर लेकर आधे वेतन में काम लिया जाएगा तथा उन्हें सभी भत्तों, मेडिकल व मकान किराया भी नही दिया जाएगा। जिला वरिष्ठ उपप्रधान राजेश बैनीवाल ने कहा कि इस फैसले से सरकार के कर्मचारी हितैषी होने की पोल खुल गई है तथा हरियाणा को शिक्षा हब के रूप में विकसित करने पर भी सवालिया निशान लग गया है जिसका प्राथमिक शिक्षक संघ कड़ा विरोध करेगा।



Saturday 21 April 2012

Sanjeev kumar IAS ko rahat nahi,+New teacher Bharti Policy+ TET me 1 bar hi milegi chhoot+ NCTE rules about HTET


एनसीटीई द्वारा बनाए गए टीईटी एक्ट में राज्य सरकारों को अधिकार

विभागीय
सूत्रों के मुताबिक एनसीटीई द्वारा बनाए गए टीईटी एक्ट में राज्य सरकारों
को यह अधिकार है कि वह 31 मार्च 2015 तक शिक्षकों की भ‌र्त्ती करने के लिए
नियमों को शिथिल कर सकती है। बताते हैं कि किसी भी राज्य सरकार ने केन्द्र
सरकार से बीएड डिग्रीधारकों के लिए टीईटी को और समय देने का अनुरोध नहीं
किया है। केवल उत्तर प्रदेश ने केन्द्र सरकार से 31 मार्च 2015 तक समय
बढ़ाने की फरियाद की है। बहरहाल सवाल पैदा होता है कि क्या प्रदेश में
टीईटी एक्ट के प्रावधानों को समझने में नासमझी हुई है? या फिर मामले को
उलझाने के लिए यह सब नूरा कुश्ती चल रही है।


सहारनपुर: कई 
राज्यों में टीईटी प्रक्रिया परवान नहीं चढ़ सकी है। केवल उत्तर प्रदेश ने 
केंद्र सरकार से मार्च 2015 तक बीएड डिग्रीधारकों के लिए समय सीमा बढ़ाने 
का अनुरोध किया है, जबकि टीईटी एक्ट में नियमों को शिथिल कर भ‌र्त्ती का 
अधिकार राज्य सरकार के पास है। नियमों के उलटफेर में उलझी प्रक्रिया के 
भविष्य पर प्रश्नचिन्ह् लग रहा है।
प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की भ‌र्त्ती के मानक तैयार करने के
लिए एनसीटीई द्वारा टीईटी को अनिवार्य किया गया है। हालांकि इसे पात्रता 
परीक्षा की श्रेणी में शामिल किया गया है, लेकिन साथ ही राज्य सरकारों को 
छूट दी गई है कि वह इसके आधार में बदलाव कर सकते हैं। बता दें कि प्रदेश 
में तत्कालीन बसपा सरकार ने टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक नियुक्ति का आधार 
बना दिया था। कई पेचों में उलझी यह प्रक्रिया अभी तक लटकी है।



कई राज्यों में उलझी है प्रक्रिया



टीईटी से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक कई राज्यों में 
परवान नहीं चढ़ सकी है। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में पैरा टीचर्स को 
लेकर मामला फंसा है। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड व 
छत्तीसगढ़ आदि में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। बताया जाता है कि एक जनवरी 
2012 तक टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों की शिक्षक पदों पर नियुक्ति की 
प्रक्रिया अधिकांश राज्य पूरी नहीं कर सके हैं। उत्तर प्रदेश में कानूनी 
पेंच व घोटाले के भंवर में मामला फंसा है।



चंडीगढ़। हरियाणा सरकार स्कूल टीचरों की नियुक्ति अब केवल ठेके पर ही करेगी। कांट्रैक्ट हर साल बढ़ेगा। पांच साल के कांट्रैक्ट की संतोषजनक सेवा के बाद ही इन्हें रेगुलर किए जाएगा।रेगुलर होने के बाद भी एक साल का प्रोबेशन पीरियड रहेगा। प्रदेश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने कांट्रेक्ट नियुक्ति वाले टीचरों को परफारमेंस के आधार पर रेगुलर करने का नियम बनाया है। इससे पहले सीधी स्थायी नियुक्ति होती थी।
हरियाणा स्कूल एजूकेशन (संबंधित ग्रुप) सर्विस रूल्स 2012 पिछले सप्ताह ही अधिसूचित किए हैं। इनके अनुसार अब www.teacherharyana.blogspot.in
जेबीटी टीचर का पदनाम प्राइमरी टीचर (पीआरटी), 
मास्टर का पदनाम ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और
लेक्चरर का पदनाम पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी)
कर दिया है। पीआरटी और टीजीटी पदों पर भरती एजेंसी के माध्यम से रेगुलर की तरह होगी, लेकिन भरती होने के बाद उन्हें एक साल के लिए कांट्रैक्ट पर रखा जाएगा। पीजीटी के खाली पदों पर 67 फीसदी भरती एजेंसी के माध्यम से होगी। उन्हें भी एक साल के लिए कांट्रैक्ट पर रखा जाएगा। शेष 33 फीसदी पदों पर टीजीटी से प्रमोट कर पीजीटी बनाया जाएगा।
संबंधित खबर पेज 11 पर
•इसे हम ठेके पर नियुक्ति नहीं कहेंगे। अलबत्ता, यह भरती तो रेगुलर होगी, लेकिन उन्हें एक-एक साल कर संतोषजनक सर्विस पांच साल कांट्रैक्ट पर पूरी करनी होगी। उनकी परफारमेंस के आधार पर उन्हें पांच साल के बाद रेगुलर कर दिया जाएगा। यह पहली बार प्रावधान किया गया है। इससे कांट्रैक्ट पर रखे टीचर अच्छे से पढ़ाई कराएंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
-एसपी सरो, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, हरियाणा
ये मिलेंगी छुट्टियां
कांट्रैक्ट पर रखे टीचरों को हर महीने सिर्फ एक कैजुअल लीव मिलेगी जो कैलेंडर वर्ष में कभी भी ली जा सकेगी। इसके अलावा किसी अन्य प्रकार की कोई छुट्टी नहीं मिलेगी। चिकित्सा प्रतिपूर्ति और एलटीसी भी नहीं मिलेगा, लेकिन प्रसूति अवकाश मिलेगा। अगर पांच दिन लगातार बिना बताए टीचर गैरहाजिर रहा तो कांट्रैक्ट स्वयं समाप्त हो जाएगाकांट्रैक्ट पर रखे किसी भी टीचर का तबादला नहीं होगा। अगर सरकार ऐसे टीचरों को कहीं भेजती है, उस हालत में उन्हें टीएडीए दिया जाएगा।
न वेतन पूरा और न पूरी छुट्टियां मिलेंगी
नहीं मिलेंगे भत्ते
कांट्रैक्ट के दौरान
 पीआरटी टीचर को बेसिक पे और ग्रेड पे यानी 9300 + 4200 = 13500 रुपये प्रति महीना मिलेंगे। डीए नहीं मिलेगा।
 टीजीटी टीचर को बेसिक पे और ग्रेड पे यानी 10230 + 4600 = 14830 रुपये प्रति महीना होगा।
 पीजीटी को बेसिक पे और ग्रेड पे यानी 12090 + 4800 = 16890 रुपये प्रति महीना मिलेंगे। हर साल कांट्रैक्ट बढ़ने के साथ न्यूनतम पे बैंड और ग्रेड पे का 3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा किसी को भी डीए, मकान किराया भत्ता, मेडिकल भत्ता नहीं मिलेगा और न ही कोई अन्य प्रतिपूर्ति हो